कमबख्त प्यार फिर एक तरफा हुआ
पहेली मुलाकात मे हुआ
तेरे वो काफिर नाजरो ने
पहेली बार हि दिलको छुआ
तेरे जेसा परीवश (सुन्दर) तो
कोहि नही देखा हे मेने
लेकिन मुझे प्यार तेरी खुवासुरती से नही
तेरो वो संस्कारो से हुआ
तेरे वो नाजुक जिसमे से नही
तेरो बातो से प्यार हुआ
तेरे सुन्दर आखो से प्यार हुआ
फिर से एक तरफा हुआ
फिर से मन हि मन हुआ
जो भी हुवा बहोत खास हुआ
मुझे तुझ से बेइंतहा प्यार हुआ
पता हे सायद फिर मुलाकात हो या ना हो
लेकिन वो एकदम के मुलाकात ने दिलको छुआ
नाम तक मालुम नही मुझ्को तेरा
फिर भी तेरे लिए इश्क सुफियाना हुवा
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